Home › Parenting Tips › बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग कैसे दें: आसान और असरदार तरीका

नमस्ते प्यारे मम्मी-पापा!
अगर आपका नन्हा बच्चा अब थोड़ा बड़ा हो गया है और आप सोच रहे हैं कि उसे पॉटी की सही आदत सिखाई जाए — तो यह एक शानदार फैसला है। यह एक बड़ा और ज़रूरी कदम है जो आपके और आपके बच्चे - दोनों के लिए फायदेमंद होगा। घबराइए मत, थोड़े धैर्य, प्यार और सही तरीके से यह काम आराम से हो सकता है।
हर बच्चा अलग होता है। कोई 18 महीने में तैयार हो जाता है, तो किसी को 2.5 साल तक लग सकते हैं। कुछ संकेत जो बताते हैं कि आपका बच्चा पॉटी ट्रेनिंग के लिए तैयार है:
अगर ये लक्षण दिखें, तो ट्रेनिंग शुरू करने का सही वक्त है।
कई तरह की पॉटी सीट्स मिलती हैं — ज़मीन पर रखने वाली कुर्सी या टॉयलेट सीट पर लगने वाला छोटा रिंग। बच्चे की पसंद पूछें और जो उसे अच्छा लगे वही लाएं। इससे बच्चा उसे इस्तेमाल करने के लिए उत्साहित रहेगा।
बच्चों को आदतों से सीखना अच्छा लगता है। इसलिए दिन के कुछ निश्चित समय पर उन्हें पॉटी सीट पर बैठाएं, जैसे:
हर दिन यही समय दोहराने से उन्हें टाइमिंग समझ में आने लगेगी।
बच्चा अगर खेल-खेल में सीखेगा, तो ज़्यादा जल्दी सीखेगा। कुछ आइडियाज:
हर बार सही जगह पॉटी करने पर तारीफ़ करें | स्टार स्टिकर या छोटी-सी इनाम दें | पॉटी से जुड़ी कहानी की किताबें पढ़ें या गाने सुनाएँ |
इससे बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग से डर नहीं, बल्कि खुशी होगी।
धीरे-धीरे बच्चे को खुद से सीट पर बैठने, नीचे कपड़े उतारने और हाथ धोने की आदत डालें। शुरुआत में मदद करें, लेकिन उसे खुद कोशिश करने दें। इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा।
हर बार पॉटी या पेशाब के बाद हाथ धोना सिखाना बहुत ज़रूरी है। शुरुआत में मस्ती में हाथ धोना सिखाइए — जैसे गिनती गिनते हुए या गाना गाते हुए।
गलतियां होना बिल्कुल सामान्य है। कपड़े गीले होना या समय पर न बताना — ये सब इस प्रक्रिया का हिस्सा हैं। डांटने या शर्मिंदा करने से बचें। शांत रहकर समझाइए, "कोई बात नहीं, अगली बार सीट पर चले चलेंगे।"
हर बच्चे की रफ्तार अलग होती है। अगर पड़ोस का बच्चा जल्दी सीख गया, तो इसका मतलब यह नहीं कि आपका बच्चा पीछे है। बस आप लगातार समर्थन देते रहें — प्यार और धैर्य से काम लें।
पॉटी ट्रेनिंग कोई एक दिन का काम नहीं है — यह एक प्रक्रिया है। लेकिन अगर आप इसे मज़ेदार, सहयोगी और सकारात्मक बनाएँ, तो बच्चा इसे खुशी से सीखेगा। तो तैयार हो जाइए — यह एक बड़ा लेकिन बेहद खूबसूरत सफर है।
अगर आपके कोई अनुभव या सुझाव हों, तो नीचे ज़रूर साझा करें।
आपके लिए शुभकामनाएँ, मम्मी-पापा!
हर बच्चा अलग होता है, लेकिन ज़्यादातर बच्चे 18 से 30 महीने के बीच तैयार हो जाते हैं। अगर बच्चा कुछ घंटों तक सूखा रहता है, या बताने लगता है कि उसे पॉटी आई है — तो आप शुरू कर सकते हैं।
कुछ बच्चों को 1–2 हफ्ते में आदत लग जाती है, वहीं कुछ को 1–2 महीने भी लग सकते हैं। धैर्य रखें और रोज़ाना एक जैसा रूटीन बनाए रखें।
बिलकुल सामान्य बात है। शुरुआत में उसे खेलने वाले टॉयलेट सीट पर बिठाएं, या डॉल के साथ गेम खेलें। आप बोल सकते हैं — "देखो, छोटा भीम भी पॉटी करता है!" — इससे बच्चा सहज महसूस करेगा।