Home › Parenting Tips › अपने बच्चों को बनाएं मजबूत: 5 तरीके जिनसे बढ़ेगा उनका आत्मविश्वास

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा जीवन में सफल हो, आत्मविश्वास और हिम्मत के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करे। यह समझना ज़रूरी है कि बच्चों में मुश्किलों से लड़कर उबरने की क्षमता जन्म से नहीं आती; यह एक ऐसा गुण है जिसे आप सिखा सकते हैं और विकसित कर सकते हैं। इसका मतलब है अपने बच्चे को इस तरह तैयार करना कि वे असफलताओं से निराश न हों, चुनौतियों से सीखें और हर मुश्किल के बाद और मज़बूत बनें।
कुछ बच्चे छोटी सी असफलता से घबरा जाते हैं, और कुछ दोबारा कोशिश करते हैं। ये फर्क लचीलापन दिखाता है — जो सिखाया जा सकता है।
यहाँ कुछ आसान तरीके हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चे को अंदर से मज़बूत और आत्मविश्वासी बना सकते हैं -
क्या आप अक्सर अपने बच्चे की गलतियों को तुरंत सुधारने या उन्हें असफल होने से बचाने की कोशिश करते हैं? इस आदत को अभी बदलें। इसके बजाय, एक सकारात्मक सोच (Growth Mindset) का उदाहरण बनें। जब आपका बच्चा कोई गलती करे, तो उसकी आलोचना करने से बचें। तुरंत बातचीत को सीखने की दिशा में मोड़ें। पूछें: "इससे तुमने क्या सीखा?" या "अगली बार तुम कौन सा अलग तरीका अपना सकते हो?" अपनी पुरानी गलतियों और उनसे मिली सीख के बारे में भी बताएं।
यह आपके बच्चे को सिखाता है कि गलतियाँ सफलता की राह में ज़रूरी कदम हैं, न कि हार का संकेत।
अपने बच्चे की हर छोटी-बड़ी मुश्किल को खुद हल करना बंद करें। उन्हें अपने समाधान खुद खोजने के लिए सशक्त बनाएं। छोटे बच्चों के लिए, छोटी, हल करने लायक समस्याएं सामने रखें: "हम इस टावर को और ऊँचा कैसे बना सकते हैं?" बड़े बच्चों को घर के छोटे-मोटे कामों में शामिल करें या उन्हें अपने छोटे-मोटे झगड़ों को सुलझाने की रणनीति बनाने दें। बच्चों के लिए समस्या-समाधान वाली गतिविधियाँ (जैसे बिल्डिंग ब्लॉक्स से कुछ बनाना, रचनात्मक खेल, या दिमागी पहेलियाँ) शुरू करें। इससे उनकी अपनी क्षमताओं और सोचने की शक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है।
आपका मन हमेशा बच्चे को बचाने का करता है, लेकिन लगातार सुरक्षा उनके विकास को रोकती है। जानबूझकर बच्चों के लिए सुरक्षित जोखिम (Safe Risks) लेने के अवसर बनाएं। इसका मतलब हो सकता है उन्हें कोई नया, चुनौतीपूर्ण खेल खेलने देना, उन्हें समूह में अपनी बात कहने के लिए प्रोत्साहित करना, या उन्हें परिवार की किसी गतिविधि का नेतृत्व करने देना। निगरानी रखें, लेकिन जब वे थोड़ी लड़खड़ाहट महसूस करें तो तुरंत बीच में न कूदें। उन्हें छोटी असफलताओं और उन पर काबू पाने के रोमांच का अनुभव करने दें।
एक मजबूत सहारा प्रणाली (Support System) लचीलेपन का एक महत्वपूर्ण आधार है। पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने वाली गतिविधियों (Family Bonding Activities) को प्राथमिकता दें जो गहरे जुड़ाव और खुली बातचीत को बढ़ावा देती हैं। साथ में भोजन करने, खेलने या बस अपने दिन के बारे में बात करने के लिए समय निकालें। अपने बच्चे को दोस्त बनाने और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रिश्ते बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित करें। जब बच्चे गहरा प्यार, सुरक्षा और समर्थन महसूस करते हैं, तो उनमें दुनिया का सामना करने का साहस और ज़रूरत पड़ने पर मदद मांगने की समझ आती है।
जीवन में उतार-चढ़ाव आना तय है। अपने बच्चे को उनकी भावनाओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए मुकाबला करने के कौशल (Coping Skills) पहले से सिखाएं। उन्हें सरल तकनीकें सिखाएं जैसे निराश होने पर गहरी सांस लेना, या अपनी भावनाओं को मन में रखने के बजाय उनके बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करना। उनकी भावनाओं को स्वीकार करें ("अभी गुस्सा महसूस करना ठीक है") और फिर उन्हें सही तरीके से व्यक्त करने के लिए मार्गदर्शन करें। इन कौशलों का अभ्यास शांत क्षणों में करें ताकि वे परेशानी के समय उनका उपयोग कर सकें।
इन सरल तरीकों को अपनाकर, आप अपने बच्चे को न केवल आज की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार कर सकते हैं, बल्कि भविष्य में आने वाली किसी भी मुश्किल से उबरने के लिए भी मज़बूत बना सकते हैं।
आप बेहतरीन पालक हैं — और अपने दिल की सुनना सबसे अच्छा तरीका है।
आंतरिक मज़बूती क्या है?
मुश्किल समय में बच्चा हिम्मत न हारे और फिर से कोशिश करे — यही आंतरिक मज़बूती है।
क्या यह गुण बचपन से सिखाया जा सकता है?
हाँ, रोज़मर्रा की छोटी बातों से।
कैसे सिखाएं?
बच्चे की बातें ध्यान से सुनें, हर गलती पर डाँटे नहीं, समझाएं , खुद से काम करने दें , कोशिश की तारीफ करें |
क्या बार-बार डाँटना नुकसान करता है?
हाँ, इससे आत्मविश्वास कम होता है।
स्क्रीन टाइम का क्या असर होता है?
बहुत ज़्यादा स्क्रीन टाइम से ध्यान और आत्म-नियंत्रण कमजोर हो सकता है।