Home › Kids Stories › आलसी गधा और नमक की बोरी

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एक बार की बात है। एक व्यापारी के पास एक गधा था।
हर दिन गधा नमक की बोरी लेकर बाजार जाता था।
गधा थोड़ा आलसी था। उसे बोझ उठाना अच्छा नहीं लगता था।
एक दिन, नदी पार करते हुए वह फिसलकर पानी में गिर गया।
उठा तो देखा — बोझ तो हल्का हो गया!
क्योंकि नमक तो पानी में घुल गया था।
गधे को चाल सूझी — वह रोज़ जानबूझकर नदी में गिरने लगा।
व्यापारी ने ये समझ लिया।
अगले दिन उसने नमक की जगह रुई की बोरी रख दी।
गधा फिर से नदी में गिरा।
लेकिन अब बोरी भारी हो गई — रुई ने सारा पानी पी लिया था!
गधा बहुत थक गया। उसे समझ आया — चालाकी हमेशा नहीं चलती।
अब वह रोज़ मेहनत से काम करने लगा।
चालाकी से थोड़ी राहत मिल सकती है, पर मेहनत ही सबसे अच्छा रास्ता है।