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एक हरे-भरे जंगल में शेर लियो और गधा दोनी रहते थे।
लियो था बहुत ताक़तवर और थोड़ा घमंडी। दोनी था धीमा, लेकिन समझदार और दिल का बहुत अच्छा।
दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे।
एक दिन दोनों जंगल में घूम रहे थे। तभी एक चालाक लोमड़ी आई, उसका नाम था लोमी।
लोमी बोली, "नमस्ते दोस्तों! मैं एक गुफा जानती हूँ जहाँ बहुत मीठे आम हैं!"
लियो बोला, "वाह! चलो चलें!"
दोनी ने धीरे से कहा, "मुझे लोमी पर भरोसा नहीं है।"
लियो ने कहा, "मैं जंगल का राजा हूँ! मुझे सब पता है!" और वो लोमी के साथ चल पड़ा।
गुफा के पास पहुँचते ही लोमी बोली, "आगे बढ़ो लियो!"
जैसे ही लियो अंदर गया — धड़ाम! दरवाज़ा बंद हो गया!
लोमी हँसते हुए बोली, "अब बैठो महाराज!" और भाग गई।
दोनी सब देख रहा था।
वो भागा, एक लंबी लकड़ी लाई, और दरवाज़े को धक्का दिया।
लियो बाहर आ गया!
लियो बोला, "धन्यवाद दोनी। मैं तुम्हारी बात नहीं मान सका। गलती हो गई।"
दोनी मुस्कराया, "कोई बात नहीं लियो। अच्छे दोस्त मदद करते हैं!"
उस दिन के बाद लियो ने दूसरों की बात ध्यान से सुनना शुरू किया।
लोमी फिर कभी किसी को धोखा नहीं दे पाई।
और दोनी बन गया सबसे समझदार गधा!
अच्छे दोस्त की बात सुनो, चाहे वो छोटा हो या बड़ा। अकड़ दिखाना ठीक नहीं!