Home › Kids Stories › टिमटिम जो चुप नहीं रह सका

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एक बड़े, चमकते तालाब के पास दो हंस रहते थे — गीगी और गूस। उन्हें बातें करना बहुत पसंद था। उनका सबसे अच्छा दोस्त एक धीमी चाल वाला कछुआ था, जिसका नाम था टिमटिम।
वे तीनों मिलकर घंटों बातें करते और तालाब में छप-छप खेलते रहते थे।
एक साल, सूरज बहुत तेज़ चमकने लगा और बारिश बिल्कुल नहीं हुई। तालाब छोटा होता गया और पानी सूखने लगा।
"ओह नहीं!" गीगी चिल्लाई। "तालाब लगभग सूख गया है! हमें कहीं और जाना होगा जहाँ बहुत सारा पानी हो!"
टिमटिम बहुत उदास हो गया। उसने कहा, "लेकिन मैं तुम्हारे साथ कैसे आऊँगा? मैं उड़ नहीं सकता, और बहुत धीरे चलता हूँ!"
गीगी और गूस ने एक-दूसरे की ओर देखा और बोले, "हमारे पास एक शानदार विचार है!"
गूस बोला, "हम एक मज़बूत लकड़ी को अपनी चोंच से पकड़ेंगे — एक सिरे पर मैं और दूसरे पर गीगी। और तुम, टिमटिम, लकड़ी के बीच को अपने मुँह से पकड़ लेना।"
गीगी ने जोड़ा, "पर तुम्हें हमसे एक वादा करना होगा, टिमटिम! चाहे कुछ भी हो जाए, तुम्हें अपना मुँह नहीं खोलना है! अगर तुम बोले, तो गिर जाओगे!"
टिमटिम ने खुशी से कहा, "मैं वादा करता हूँ! एक शब्द भी नहीं बोलूँगा, फुसफुसाहट भी नहीं!"
फिर गीगी और गूस ने लकड़ी को अपनी चोंचों में पकड़ा, और टिमटिम ने बीच को अपने मुँह से कसकर पकड़ लिया।
"तैयार हो?" गीगी ने चहकते हुए पूछा। "चलो उड़ें!"
वे ऊपर उड़ गए — हरे-भरे खेतों और छोटे-छोटे गाँवों के ऊपर।
टिमटिम को यह बहुत अद्भुत लगा! उसने दुनिया को इतनी ऊँचाई से पहले कभी नहीं देखा था।
जब वे एक गाँव के ऊपर से उड़ रहे थे, तो ज़मीन पर लोगों ने देखा और चिल्लाए, "देखो! एक कछुआ हंसों के साथ उड़ रहा है! कितना कमाल है!"
बेचारा टिमटिम, जिसे बोलना बहुत पसंद था, खुद को रोक नहीं पाया। वह जोश में अपना वादा भूल गया।
"कितना मज़ेदार है यह!" उसने बोलते हुए अपना मुँह खोल दिया।
और उसी पल — उसकी पकड़ छूट गई!
टिमटिम नीचे गिरने लगा… धड़ाम!
वह ज़मीन पर गिरा और बुरी तरह घायल हो गया। वह फिर कभी उड़ नहीं पाया।
गीगी और गूस दुखी मन से नीचे उतरकर अपने दोस्त के पास आए।
अच्छी सलाह माननी चाहिए, और जब सबसे ज़्यादा ज़रूरी हो — तब अपने वादे ज़रूर निभाने चाहिए।