Home › Kids Stories › चिंटू और गिलहरी का खेल

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एक बहुत ही सुंदर, धूप वाला दिन था। एक बड़ा, समझदार उल्लू पेड़ पर बैठा था। वह जंगल को देख रहा था।
उसने देखा, दो गिलहरियाँ थीं, उनके नाम थे चीकू और मीकू। वे पार्क में खेल रही थीं। वे अखरोट उछाल रही थीं। टप! टप! अखरोट ऊपर जाते और वे उन्हें पकड़ लेतीं। वे बहुत खुश थीं और खूब मजे कर रही थीं।
उसी समय, चिंटू नाम की एक छोटी सी चिड़िया वहाँ से उड़ रही थी। चिंटू ने गिलहरियों को खेलते देखा। उसने सोचा, "वाह! यह तो कितना मज़ेदार खेल है! मैं पास जाऊँगी और देखूँगी!"
चिंटू को नई चीज़ें देखना बहुत पसंद था। वह धीरे-धीरे चीकू और मीकू के पास आती गई। गिलहरियाँ अपने खेल में इतनी मगन थीं कि उन्होंने चिंटू को देखा ही नहीं। चिंटू भूल गई कि गिलहरियाँ कितनी तेज़ी से खेलती हैं।
समझदार उल्लू पेड़ पर बैठा सब देख रहा था। उसने सोचा, "ओह! चिंटू बहुत पास जा रही है! कहीं अखरोट चिंटू को लग न जाए!"
और तभी, एक अखरोट 'टप!' से चिंटू के पास गिरा। चिंटू चौंक गई! उसे चोट नहीं लगी, लेकिन वह समझ गई कि वह बहुत पास आ गई थी।
चिंटू ने तुरंत समझ लिया। वह थोड़ा दूर जाकर बैठ गई। अब वह गिलहरियों को दूर से देख रही थी। उसे अब भी उनका खेल बहुत पसंद आ रहा था, लेकिन अब वह जानती थी कि दूर से देखना ही अच्छा है।
चीकू और मीकू अपना अखरोट उछालने वाला खेल खेलते रहे। और चिंटू उन्हें सुरक्षित दूरी से खुशी-खुशी देखती रही।
जब दोस्त खेलें, तो थोड़ा दूर रहो, ताकि कोई चोट न लगे और सब खुश रहें!