Home › Kids Stories › कृष्ण और मक्खन की मटकी

Tags: #कृष्णकथा #मज़ा #साझा_करना #मिथकीयकहानी
गोकुल नाम का एक सुंदर सा गाँव था।
वहीं रहता था एक प्यारा बच्चा — नन्हा कृष्ण।
उसकी बड़ी-बड़ी चमकती आँखें थीं, घुंघराले बाल और शरारती सी मुस्कान।
कृष्ण को दो चीज़ें बहुत पसंद थीं —
अपने दोस्तों के साथ खेलना… और सफेद, नरम मक्खन खाना!
एक दिन सुबह-सुबह, कृष्ण चुपचाप रसोई में आ गया।
उसने इधर-उधर देखा और सूंघा — सूंघ-सूंघ —
"माँ ने मक्खन कहाँ छुपाया है?"
ऊपर देखा, तो वहाँ एक बड़ी मटकी लटक रही थी — मक्खन से भरी हुई!
कृष्ण ने अपने दोस्तों को बुलाया,
"चलो, मक्खन पहाड़ बनाते हैं!"
सभी दोस्त हँसने लगे।
एक दोस्त नीचे, दूसरा उसके ऊपर, फिर तीसरा…
और सबसे ऊपर चढ़े — नन्हे कृष्ण!
कृष्ण ने मटकी तक हाथ बढ़ाया, मक्खन निकाला और चखा।
"ममम… कितना स्वादिष्ट है!" उसने मुस्कराते हुए कहा।
लेकिन तभी… थोड़ा मक्खन नीचे गिर गया।
और तभी माँ यशोदा आ गईं!
"अरे कृष्णा!" उन्होंने कहा, "फिर से मक्खन चुराया?"
कृष्ण ने मुस्कुराते हुए कहा,
"माँ, पर मैं अकेले नहीं खा रहा — सब दोस्तों के साथ बाँट रहा हूँ!"
माँ यशोदा ने बच्चों के हँसते-मुस्कराते चेहरे देखे… और फिर हँस पड़ीं।
"अगली बार बताकर लेना, मैं सबके लिए मक्खन दे दूँगी!"
उस दिन सब दोस्तों ने साथ बैठकर मक्खन खाया।
और वो मक्खन सबसे स्वादिष्ट लगा!
जो खुशी सबके साथ बाँटी जाए, वो सबसे प्यारी होती है।